Kamis, 30 Juli 2015

World breastfeeding day week hindi information message essay

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१ अगस्त को वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग दिन मनाया जाता है
जानिए ब्रेस्ट फीडिंग का महत्व :
कहते हैं नवजात शिशु की तंदरुस्ती मां के दूध पर निर्भर करती है लेकिन बदलाव की बयार में कई बार महिलाएं बच्चे को अपना दूध पिलाने के बजाय बाहरी दूध की आदत डलवा देती हैं। कई बार इसके पीछे उनके स्वास्थ्य से संबंधित मजबूरी होती है तो कई बार यह धारणा कि दूध पिलाने से फिगर खत्म हो जाएगा और मोटापा बढ़ जाएगा। अगर हम यह कहें कि मां का दूध न सिर्फ बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि महिलाओं के लिए भी इसके बहुतेरे फायदे हैं।

दूध पिलाएं, कैलोरी घटाएं 
आप जितनी ज्यादा ब्रेस्ट फीडिंग करेंगी, उतनी अधिक कैलोरी बर्न होगी। चिकित्सकों का मानना है कि एक बार ब्रेस्ट फीड कराने में कम से कम 20 कैलोरी घटती है। ऐसे में डिलीवरी के बाद बढ़े वजन को कम करने का यह आसान तरीका हो सकता है।

बीमारियों से दूर रखती है ब्रेस्ट फीडिंग
ब्रेस्ट फीडिंग पर हुए अध्ययनों में माना गया है कि इससे न सिर्फ हृदय रोग, मधुमेह और ऑस्टोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है बल्कि महिलाओं में सबसतिजी से बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी बहुत हद तक रोका जा सकता है।

डिप्रेशन को करे दूर 
आमतौर पर गर्भावस्था या फिर डिलीवरी के बाद महिलाओं में डिप्रेशन यानी अवसाद की समस्या की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में जो महिलाएं अधिक समय तक ब्रेस्ट फीड कराती हैं वे इस समस्या से कोसो दूर रहती हैं। डॉक्टरों का भी मानना है कि वे अवसादग्रस्त महिलाओं को अधिक ब्रेस्ट फीडिंग की सलाह देते हैं।

इतना ही नहीं, ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान महिलाओं के शरीर से एक हार्मोन- ऑक्सीटॉक्सिन निकलता है जिससे वह तनावमुक्त रहत हैं और अच्छा महसूस करती हैं।

मजबूत होती है बॉन्डिंग
पीढ़ियों से ऐसी मान्यता है कि मां का बच्चों से संबंध इसलिए भी अधिक प्रगाढ़ होता है क्योंकि वे बच्चों को अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं। अगर आप भी किसी सूपर नैचुरल पॉवर में विश्वास रखती हैं तो आपके नौनिहाल से बॉन्डिंग मजबूत करने के लिए ब्रेस्ट फीडिंग सबसे कारगर उपाय है।

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